ज़्यादातर लोग जिसे “लचीलापन या फ्लेक्सिबिलिटी” कहते हैं, उसमें आपके जाइंट्स की गति की सीमा के साथ-साथ उन जाइंट्स को घेरे हुए, लिगमेंट्स (ligaments) और टेंडन्स (tendons) की लंबाई भी शामिल होती है। अगर आपका लक्ष्य भी फ्लेक्सिबल बनना है, तो सिर्फ स्ट्रेचिंग करना बस काफी नहीं रहेगा।
Also to know is, कमर को लचीला कैसे बनाएं?
विधि: दंडासन (पैरों को सामने व कमर को सीधा कर बैठना)की मुद्रा में बैठें व हथेलियों को जमीन पर रखें। इसके बाद वज्रासन में इस तरह बैठें कि दोनों पैर दाईं या बाईं तरफ आ जाएं। इस दौरान ध्यान रखें कि यदि बाईं तरफ पैरों को ला रहे हैं तो दायां पैर बाएं पैर की जांघ पर हो। पीठ सीधी रखें।
लचीलापन: लचीलापन [संज्ञा पुल्लिंग] 1. लचकने का भाव 2. ऐसी स्थिति जिसमें दबाव पड़ने पर कोई वस्तु झुक या मुड़ जाए परंतु दबाव हटने पर वापस उसी स्थिति में आ जाए।
Also question is, शरीर में लचीलापन लाने के लिए क्या करना चाहिए?
अपने दोनों हाथ और पैर के सहारे खड़े हो जाएं और अपनी कलाईयों को कंधे की सीध में रखें। श्वास लें और अपनी पीठ को झुकाएं, अपने चेहरे को आकाश की ओर घुमाएं और अपने पेट को जमीन की ओर रखें। सांस छोड़ें और अपनी पीठ को गोल करें, जिससे आपको और खिंचाव महसूस हो। अपने चेहरे को आकाश की ओर मोड़ें, जिससे आपका पेट जमीन की ओर हो जाएं।